भारत के जलवायु प्रदेश:- अनेक विद्वानों ने भारत को जलवायु प्रदेश में विभाजित करने का प्रयास किया है। इन प्रयासों में ट्रेवर्था ( trevartha) जलवायु प्रदेशिकरण काफी प्रचलित है।इसी वर्गीकरण के आधार पर भारत को निम्नलिखित जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया जा सकता है। 1. उष्णकटिबंधीय वर्षावन जलवायु:- देश के उत्तरी पूर्वी भाग तथा पश्चिमी तटीय मैदान इस प्रदेश के अंतर्गत आते हैं। किन क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 200 सेंटीमीटर (क्षेत्रों में 800 सेमी) से अधिक होती है तथा तापमान वर्षभर 18.2° से ० से अधिक रहता है । इस उष्ण जलवायु प्रदेश के कुछ भागों में तापमान वर्षभर29°C तप पाया जाता है। देश का सर्वाधिक वर्षा का स्थान मोसिनराम जो चीरापूंजी में है।इसी प्रदेश में स्थित है इन क्षेत्रों में ऊंचे तापमान तथा ऊंची आद्रता वनस्पति की वृद्धि के लिए अनुकूल है। इन चित्रों की प्राकृतिक वनस्पति सघन वर्षावन है तथा यह वन सदाहरित होते हैं। 2. उष्णकटिबंधीय सवाना जलवायु:- सहयाद्री के वर्षीय छाया में मैं आने वाले अर्ध शुष्क जलवायु के क्षेत्र को छोड़कर लगभग पूरे प्रायद्वीपीय पठार में इस प्रकार की जलवायु पाई ज...
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