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Delhi Sultanate(दिल्ली सल्तनत)

 सल्तनत की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण मोहम्मद गौरी के लौट जाने के पश्चात उसके सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1206 ईस्वीी में प्रारंभिक तुर्क वंश या गुलाम वंश की स्थापना की। मुस्लिम सुल्तानों ने दिल्ली को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाकर 1206 ईस्वी से 1526 ईसवी तक शासन किया।इसलिए भारतीय इतिहास में इस युग को सल्तनत युग और इससे मुस्लिम साम्राज्य को दिल्ली सल्तनत के नाम से संबोधित किया जाता है। कुरु वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक अपने संपूर्ण राज्य काल में वेदेशिक झगड़ों में ही उलझा रहा, इस कारण वे शासन संबंधी रचनात्मक कार्यों का संपादक नहीं कर पाया दास वंश को सुगठित करने का कार्य इसी समय बंगाल, राजस्थान तथा द्वापर भी इस वंश का अधिकार हो गया। इल्तुतमिश एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञ था उसने अपनी सत्ता और स्थिति को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से बगदाद के अब्बासी खलीफा अल  मुस्त सिर  बिल्लाह से एक प्रमाण पत्र देने की प्रार्थना की। जिसमें वह उसे दिल्ली का स्वतंत्र सुल्तान घोषित कर दे। डॉक्टर आशीर्वदिलाल श्रीवास्तव के मतानुसार'फरवरी 1229 ईस्वी में खलीफा ने स्वयं ही इस्लामी शासक की पोशाक भेजकर उसकी सत्ता को