सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

Heart (हृदय) लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Heart (हृदय)

(Heart)हृदय हृदय हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है।  हृदय  मोटा, पेशीय संकुचशील स्वत: पंपिंग अंग है। इसकी संरचना विशेष प्रकार की हृदय पेशियो (cardiac muscles) केे द्वारा होते है। यह पेशी सदैव क्रियाशील रहते हैं। Heart हृदय शिराओ द्वारा भिन्न  अंगों से रुधिर (blood ) एकत्र करता है। एकत्र किया हुआ रुधिर (blood) को धमनियों द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में पंप करता है। हृदय का वह भाग ऊतकों (Tissue)  से रुधिर ग्रहण करता है, अलिंद( Auricle) कहलाता है। तथा वह भाग जो उत्तको में रुधिर पंप करता है निल्य( Ventricle) कहलाता है। मछलियां (fishes)  मछलियोंं में केवल दो कोष्टीय(two Chamberd) ह्रदय पाया जाता है। जिसमें एक अलिंद(Auricle) और एक निलय(Ventricle) होता है। मछलियां गिल्स के द्वारा सांस लेती है। उभयचर (Amphibians) उभयचर में 3 कोष्टीय(three Chamberd) हृदय होता है। मेंढक अपनी त्वचा (moist skin) व फेफड़ों  से स्वशन करता है। सरीसृप (Reptiles) सरी सर्पों का हृदय संरचना में तीन कोष्टीय(three chamberd) तथा कार्य चार कोष्टीय(four chamberd) होता है। पक्षियों (Birds) पक्षियों एवं  स्तनियो मे