- (Heart)हृदय
- हृदय हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। हृदय मोटा, पेशीय संकुचशील स्वत: पंपिंग अंग है। इसकी संरचना विशेष प्रकार की हृदय पेशियो (cardiac muscles) केे द्वारा होते है।
- यह पेशी सदैव क्रियाशील रहते हैं। Heart हृदय शिराओ द्वारा भिन्न अंगों से रुधिर (blood ) एकत्र करता है। एकत्र किया हुआ रुधिर (blood) को धमनियों द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में पंप करता है।
- हृदय का वह भाग ऊतकों(Tissue) से रुधिर ग्रहण करता है, अलिंद(Auricle) कहलाता है। तथा वह भाग जो उत्तको में रुधिर पंप करता है निल्य(Ventricle) कहलाता है।
- मछलियां (fishes)
- मछलियोंं में केवल दो कोष्टीय(two Chamberd) ह्रदय पाया जाता है। जिसमें एक अलिंद(Auricle) और एक निलय(Ventricle) होता है। मछलियां गिल्स के द्वारा सांस लेती है।
- उभयचर (Amphibians)
- उभयचर में 3 कोष्टीय(three Chamberd) हृदय होता है। मेंढक अपनी त्वचा (moist skin) व फेफड़ों से स्वशन करता है।
- सरीसृप (Reptiles)
- सरी सर्पों का हृदय संरचना में तीन कोष्टीय(three chamberd) तथा कार्य चार कोष्टीय(four chamberd) होता है।
- पक्षियों (Birds)
- पक्षियों एवं स्तनियो में चार कोष्टीय(four chamberd) ह्रदय होता है। जिसमें दो अलिंद(Auricle) एवं दो निलय (venticle) होते हैं। पक्षियों की हड्डियां खोखली होने के कारण हल्की होती है ताकि वह उड़ सके।
- Human heart (मानव हृदय)
- एक स्वस्थ व्यक्ति का हृदय लगभग 12से 13 सेंटीमीटर लंबा और अग्र सिरे पर लगभग 9 सेंटीमीटर चौड़ा और 6 सेंटीमीटर मोटा होता है।
- इसका आकार व्यक्ति की बंद मुट्ठी के समान होता है।
- पुरुषों में हृदय का औसत वजन 280 से 340 ग्राम तथा महिलाओं में 230 से 280 ग्राम होता है।
- नवजात शिशु के हृदय का वजन लगभग 20 ग्राम होता है।
- हृदय वक्ष गुहा(Thoraic activity) मैं दोनों फेफड़ों (lungs) के मध्य स्थित होता है।
- हृदय के चारों ओर दीधकलयुक्त कोष पाया जाता है। यह कला पेरिकार्डियम कहलाती है। दोनों कलाओं के मध्य पेरिकार्डियल द्रव्य से भरी एक गुहा पाई जाती है।
- पेरिकार्डियल द्रव हृदय की धक्कों से सुरक्षा करता है।
- मनुष्य का हृदय 4 कोष्टीय(4 chamberd) होता है।
- जिसमें दो अलिंद (auricle) और दो निलय (ventricle) पाए जाते हैं।
- Right Atrium/Auricle (दाया अलिंद)
- इसमें सुपीरियर वेनाकेवा ( superior venacava) और इनफीरियर वेनाकेवा (inferior venacava) से अनऑक्सीकरण (Deoxygenerated blood) आता है।
- दाया अलिंद (right auricle ) दाया निलय (right ventricle) मैं एक चौड़े वृत्तीय दाया अलिंद निलय (Auriculoventricular Aperture) द्वारा खुलता है। जो ट्ररीकस्पीड(Tricuspid valve) वाल्व द्वारा ढकी होती है।
- Tricuspid valve दाय अलिंद से दाए निलय की ओर रुधिर के एक दिशा प्रभाव करता है।
- Right ventricle (दाया निलय)
- इसमें फुफ्फुस धमनी pulmonary artery निकलकर lungs में पहुंचती हैं।
- जिनमें Deoxygenerated blood प्रवाहित होता है।
- Left Auricle/Atrium (बाया अलिंद)
- इसमें फुफ्फुस शिरा pulmonary veins के द्वारा फेफड़ों lungs से ऑक्सीक्रत Oxygenated blood आता है।
- इसमें वाल्व अनुपस्थित होती है।
- बाया अलिंद (left auricle) बाया निलय छिद्र( Auriculoventricular aperture) द्वारा खुलता है.।
- अलिंद निलय छिद्र (Auriculoventricular aperture) अथवा मिट्रल वाल्व द्वारा ढका रहता है।
- बाईकोस्पिड वाल्व बाये अलिंद से बाएं निलय में रुधिर (blood) के विपरीत प्रवाह को रोकता है।
- Left ventricle (बाया निलय)
- इससे बड़ी रुधिर नलिका निकलती है जिसे aorta कहते हैं।
- Aorta शरीर के विभिन्न भागों से ऑक्सीकरण रुधिर (Oxygenerated blood) प्रवाहित करता है।
- मानव हृदय का सबसे मोटा भाग दाये निलय की भित्ति है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें