विद्युतिकी (electricity) भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें आवेशों का अध्ययन किया जाता है, विद्युतिकी कहलाता है। इसकी दो उपशाखाएं होती है:- 1. स्थिर विद्युतिकी (electrostatics) 2. गतिक विद्युतिकी (electrodynamics) विद्युतिकी कि वह शाखा जिसमें स्थिर व्यवस्था में आवेशों का अध्ययन किया जाता है, स्थिर विद्युत की कहलाती है। तथागत इस अवस्था में आवेशों का अध्ययन गतिक विद्युतिकी कहलाती है। आवेश द्रव्य का एक मूल गुण है इसे द्रव्य से अलग करना असंभव है। यह दो प्रकार के होते हैं: 1. धनावेश:- किसी पिंड अथवा कण पर पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की कमी को धनावेश कहते हैं। धनावेशन पर इसका द्रव्यमान कुछ घट जाता है। 2. ऋणावेश:- किसी पिंड अथवा कर पर पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की अधिकता को ऋणावेश कहते हैं। ऋणावेशन पर इसका द्रव्यमान कुछ बढ़ जाता है। किसी वस्तु का लक्षण अथवा प्रेरण के द्वारा आदेशित किया जा सकता है।
सामाजिक अध्ययन का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है।सामाजिक अध्ययन में हमारी संस्कृति कला, साहित्य, इतिहास, खेलकूद, हमारी राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था ,भौतिक विज्ञान तथा समस्त जीवो का अध्ययन करता है। इसके अंतर्गत समस्त विषयों का अध्ययन कराया जाता है । जिसकी सहायता से हम देश दुनिया से संबंधित जानकारी पढ़ सकते हैं। जो व्यक्ति देश विदेश के बारे में रुचि रखते हो उनके लिए सामान्य ज्ञान बेहद महत्वपूर्ण विषय है। सामान्य ज् उन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।