जीवन की उत्पत्ति (origin of life) जीवन की उत्पत्ति के संबंध में मुख्य सिद्धांत है। स्वत: उत्पत्तिवाद (Theory of spontaneous generation) इस मत के अनुसार जीव स्वत: निर्जीव पदार्थों से उत्पन्न हुए । वॉन हेल्मोनट (1652) के अनुसार जब गेहूं के दानों को पसीने से भीगी कमीज के साथ अंधेरे में रखा जाता है तो 21 दिन में चूहे उत्पन्न हो जाते हैं । जिवात जैवउत्पत्तिवद (Theory of biogenesis) फ्रेनशिको रेड्डी , लेजारो स्पेकेजारी, लुइस पाश्चर ने जीवन की उत्पत्ति के स्वत: उत्पत्तिवाद का खंडन किया। स्पेलिंजानी ने बताया कि वायु में सुष्मजिवी भी उपस्थित होते हैं। पास्टर रोगों के रोगाणु सिद्धांत (germ theory of disease) के लिए प्रसिद्ध है। सर्जरी में काम आने वाले उपकरणों के निर्जरमीकरण से उन पर उपस्थित रोगाणु मर जाते हैं। वशिष्ठ उत्पत्तिवाद (Theory of special creation) इस मत के अनुसार जीवन की उत्पत्ति किसी विशिष्ट प्राकृतिक शक्ति (super National Power) जैसे ईश्वर के द्वारा हुई है। फादर सोर्ज (father sourez)के अनुसार ईश्वर द्वारा जीवन की उत्पत्ति लगभग 4004B.C हुई थी। फादर सोर्ज इस सिद्धांत के पक्...
सामाजिक अध्ययन का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है।सामाजिक अध्ययन में हमारी संस्कृति कला, साहित्य, इतिहास, खेलकूद, हमारी राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था ,भौतिक विज्ञान तथा समस्त जीवो का अध्ययन करता है। इसके अंतर्गत समस्त विषयों का अध्ययन कराया जाता है । जिसकी सहायता से हम देश दुनिया से संबंधित जानकारी पढ़ सकते हैं। जो व्यक्ति देश विदेश के बारे में रुचि रखते हो उनके लिए सामान्य ज्ञान बेहद महत्वपूर्ण विषय है। सामान्य ज् उन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।