- अंटार्कटिका
- Roald Amundsen.नॉर्वे(Norway) के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले प्रथम पुरुष थे। अंटार्कटिका महाद्वीप दक्षिणी छोर पर स्थित है। यह विश्व का सबसे ठंडा महाद्वीप है। इसे ठंडा रेगिस्थान (cold desert) भी कहते है। अंटार्कटिका महाद्वीप विश्व का 5 वा सबसे बड़ा महाद्वीप है।
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- करीब 53 लाख साल पहले यह का तापमान 20०C रहता था। अंटार्कटिका महाद्वीप पर खजूर के पेड़ आसानी से उग जाते थे ।(खजूर के पेड़ गरम जगह पर ही उगते हैं)।
- अंटार्कटिका को विश्व का शुष्क स्थान Dry Valley भी कहते है।
- यह पर लभभग 1000 से 5000व्यक्ति विभिन्न विभिन्न देशों से अनुसंधान केन्द्र में शोध करने के लिए आते हैं।
- यहां पर केवल ठंडे वातावरण वाले जीव ही जीवन यापन कर सकते हैं।जैैसे penguin ,Nematode,seal आदि। और कुछ टुण्ड्रा वनस्पति व शेवाल भी पीए जाते है।
- अंटार्कटिका में 1 भी प्रतिशत ऐसा स्थान नहीं हैं जहा पर बर्फ ना हो।
- इस महाद्वीप पर polar bear नहीं पाए जाते है।polar bear Arctic महासागर में पाए जाते है। सबसे अधिक तापमान यह पर 14.5०C रिकॉर्ड किया गया था
- अंटार्कटिका में एक A T M भी है।
- अंटार्कटिका यूरोप से 1.3 गुना बड़ा है।
- यह पर 200km/h की रफ्तार से बर्फीली हवाएं चलती हैं।
- सन् 1959 ईस्वी में अंटार्कटिका संधि हुए थी। इस संंधि में 30 देशों के मध्य संधि हुुई थी।
- सन्1975 ईसवी में ब्राजील भी संधि में शामिल हुआ था। सन्1984 ईसवी में पहली बार अंटार्कटिका पर अनुसंधान केंद्र बनाया गया था।
- अंटार्कटिका में भारत के तीन अनुसंधान केन्द्र स्थित है।
- "मैत्री", "भारती" व "दक्षिणी गंगोत्री" स्थित है यह 70 मीटर बर्फ की चादर में धसने की वजह से उसे बंद कर दिया गया था।
- अंटार्कटिका पर 1962 ईस्वी से एक Nuclear power station भी है।
- यहां पर सर्प (साप) की कोई भी प्रजाति नहीं पाई जाती है। यह पृथ्वी का एक मात्र ऐसा स्थान है जहां पर सर्प नहीं पाए जाते है।
- सभी महाद्वीपों व उन में स्थित सभी देशों के विभिन्न विभिन्न टाइम जोन (Time Zone) होते हैं जैसे अमेरिका का अपना टाइम जोन (Time Zone)है और ऑस्ट्रेलिया का अपना परंतु अंटार्कटिका का कोई भी टाइम जोन नहीं है।
- अब तक का सबसे पुराना स्पर्म (sperm) अंटार्कटिका में मिला जो कि एक 500 मिलियन साल पुराना कीड़े का स्पर्म है।
- अभी तक 90% उल्कापिंड भी अंटार्कटिका महाद्वीप पर ही गिरे हुए पाए गए हैं।
भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य भारत में सबसे महत्वपूर्ण मुख्य: 7 भागों में बांटा गया है:- *भरतनाट्यम:- यह तमिलनाडु का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है,जिसे कर्नाटक संगीत के माध्यम से एक व्यक्ति प्रस्तुत करता है, यहां भ का अर्थ भाव से,र का अर्थ राग से, त का अर्थ ताल से, और नाट्यम का अर्थ थिएटर से है। यह नृत्य पहले मंदिरों मैं प्रदर्शित होता था। *कथकली:- यह केरल का प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है, इसमें कलाकार स्वयं गाता नहीं है, बल्कि एक विशेष लय एवं राग के संगीत पर नृत्य करता है, नाटक की कथावस्तु अधिकांश: महाकाव्य एवं पौराणिक कथाओं पर आधारित है। कथकली का शाब्दिक अर्थ है, किसी कहानी पर आधारित नाटक। *कुचिपुड़ी:- यह आंध्र प्रदेश का नाट्य नृत्य है। कुचिपुड़ी नामक गांव के नाम पर ही इसका नाम पड़ा, इसमें अनेक कथनको (धार्मिक या पौराणिक) पर नृत्य होता है। *ओडिसी:- यह उड़ीसा का प्राचीन नृत्य है, यह पूर्णता आराधना का नृत्य है, इसमें नृत्य के माध्यम से संपन्न का भाव लिए, नृत्य की ईश्वरीय स्तुति करती हैं। *कथक:- यह मूल्यत: उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य है। 13वीं शताब्दी के संगीत रत्नाकर ग्रंथों में कत्थक शब्...
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