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जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Bermuda Triangle

बरमुडा त्रिकोण (Bermuda Triangle) बरमूडा त्रिकोण उत्तर प्रशांत अटलांटिक महासागर का एक  क्षेत्र है, जिसमें कुछ विमान और प्रकृति के कृत्यों की सीमाओं के परे है। यह भौतिकी के नियमों (laws of physics) के निलंबन या भूमि से परे की जीवित वस्तुओं (extra terrestrial beings) की गतिविधियों से संबंध बताया।परंतु बाद के लेखकों द्वारा स्पष्ट रूप से सृजित ने अनेक घटनाओं को प्रदर्शित करते हुए वास्तविक दस्तावेज उपलब्ध है, और उनके सरकारी एजेंसियों ने समुद्र के अन्य क्षेत्रों के समान गायब होने की प्रकृति और उल्लेखित संख्या और दस्तावेजों पर कार्य किया है। त्रिकोण क्षेत्र:- त्रिकोण की आवृत्ति लेखक के उल्लेख से भिन्न है, कुछ इसका आकार (trapezoid) को फ्लोरिडा के जलडमरू मध्य, बहामा से अजॉर्स ( Azores) तक पूरे कैरीबियन ( caribbean) दीप क्षेत्र। Thumb लेखक के अनुसार त्रिभुज की आकृति भिन्न है। अमेरिका, यूरोप और कैरेबियाई दीप में स्थित बंदरगाह ( seaport) और यहां से रोज अनेक जहाजों के गुजरने के साथ यह विश्व के सबसे अधिक जहाजों की लेन वाले क्षेत्रों में से एक है। बहुत से क्रूज पोर्ट भी है और फ्लोरिडा और दीप के बीच

Konark sun temple

कोर्णाक सूर्य मंदिर   कोणार्क सूर्य मंदिर भारत में उड़ीसा राज्य में जगन्नाथ पुरी से 35 किलोमीटर उत्तर पूर्व में आक्रामक शहर में प्रतिष्ठित है। यह भारतवर्ष के सर्वश्रेष्ठ सूर्य मंदिर में से एक है। सन 1949 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप मैं मान्यता दी। इस मंदिर की भावनाओं को पिया के पत्थरों पर किए गए उत्कृष्ट नकाशी ही बता देती है। देश- भारत प्रकार-सांस्कृतिक यूनेस्को क्षेत्र-एशिया प्रशांत पौराणिक महत्व:- यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित था, जिन्हें स्थानीय लोग वीरांची-नारायण कहते थे। इसी कारण इस क्षेत्र को उसे अर्क- क्षेत्र(अर्क=सूर्य) कहां जाता था। पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब ने मित्रवन से चंद्रभागा नदी के सागर संगम पार्क में 12 वर्ष तक तपस्या की और सूर्यदेव को प्रसन्ना किया था। जो सभी रोगों के नाशक थे, इसके रोग का भी निवारण कर दिया था।  तदनुसार साम्ब नए सूर्य भगवान का एक मंदिर निर्माण का निश्चय किया। अपने रोग नाश के उपरांत, चंद्रभागा नदी में स्नान करते हुए, उसे सूर्य देव की एक मूर्ति मिली। यह मूर्ति सूर्य देव के शरीर के ही भाग से, देवशिल्पी श्री विश्वकर्मा ने

Ellora Caves(एलोरा की गुफाएं)

एलोरा की गुफाए यह पांचवी और दस वीं शताब्दी में बने थे, यहां 12 बौद्ध गुफाएं (1-12), 17 हिंदू गुफाएं (13-29) और पांच जैन गुफाएं (30-34) है। एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है। यहां "34 गुफाएं"है, जो असल में एक ऊर्ध्वाधर खड़ी चरणद्री पर्वत का फलक है। इसमें हिंदू, बौद्ध और जैन गुफा मंदिर बने हैं। यह सभी आसपास बनी है और अपने निर्माण काल की धार्मिक सौहार्द को दर्शाती हैं। एलोरा के 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं। ऊंची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काटकर बनाया गया है। दुर्गम पहाड़ियों वाला एलोरा 600 से 1000 ईसवी के काल का है। यह प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीवन्त प्रदर्शन करता है। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म को भी समर्पित पवित्र स्थान एलोरा है। यह प्राचीन भारत के धैर्यवान चरित्र की व्याख्या भी करता है। एलोरा की गुफाएं यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल है। यह भारत की अतुल्य और अद्भुत वास्तुकला में शामिल है। एलोरा की गुफाएं अर्थात कैलाश गुफा की गुफा क्रमांक 16 का उल्लेख जरूर आता है। महाराष्ट्र में बने पर्यटक स्थलों में से औरंगा

Soil (मिट्टी)

मिट्टियां भारत में मुख्य रूप से आठ प्रकार की मिट्टियां पाई जाती है, 1.Alluvial Soil (जलोढ़ मिट्टी) उत्तर भारत के विशाल मैदानों में यह मिट्टियां नदियों द्वाराला कर जमा की गई है तथा समुद्री तटों पर समुद्री लहरों द्वारा यह मिट्टी दो उपवर्गो में बटी हुई है। नई जलोढ़ मिट्टी(खादर) एवं पुरानी जलोढ़ मिट्टी (बांगर)। धान, गेहूं, दलहन, तिलहन, गन्ना एवं जूट की खेती के लिए यह मिट्टी बहुत उपयुक्त है। 2.Black soil or Regur soil (काली मिट्टी) यह मिट्टी मुख्यत: ढक्कन के अलावा क्षेत्र में पाई जाती है, इस मिट्टी का रंग गहरा काला होता है क्योंकि इसमें लोहा, एल्युमीनियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इस मिट्टी के घने  होते हैं। जिनके कारण नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है। किसका क्षेत्र महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटका और आंध्र प्रदेश में फैला हुआ है। यह मिट्टी कपास की फसल के लिए अच्छी होती है। 3.Red soil (लाल मिट्टी) इसका निर्माण रवेदार आग्नेय शैल जैसे ग्रेनाइट तथा निस के विखंडन से हुआ है। कहीं-कहीं इसका रंग पीला, भूरा, चॉकलेटी और काला भी पाया जाता है।रंग की विभिन्नता का कारण लोहे के

Asteriods (क्षुद्र ग्रह)

Asteriods(क्षुद्र ग्रह) मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य करोड़ों किलोमीटर क्षेत्र में भिन्न भिन्न आकार के पिंडो की पट्टिया है। जिन्हें क्षुद्र ग्रह कहते हैं। सभी क्षुद्र ग्रह अन्य ग्रहों की तरह ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं। क्षुद्र ग्रह(Asteroid) अथवा एस्टेरॉयड खगोलीय पिंड होते हैं। जो ब्रह्मांड में विचरण करते रहते हैं, यह अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडों से बड़े होते हैं। क्षुद्र ग्रह की खोज:- खोजा जाने वाला पहला 1819 मैं ग्युसेप पियाजी द्वारा पाया गया था। इसका नाम सेरेस था। इसे मूल रूप से एक नया ग्रह माना जाता था।इसके बाद अन्य सामान निकाल की खोज के बाद जो समय के उपकरण के साथ प्रकाश के अंक होने लगते हैं। जैसे सितारों, छोटे या कोई ग्रहिक डिस्क नहीं दिखाते हैं।हालांकि उनके स्वस्थ गति के कारण सितारों से आसानी से अलग हो सकते हैं। इसने खगोल विज्ञानी सर विलियम हर्शल को "ग्रह"शब्द को प्रस्तावित करने के लिए प्रेरित किया, जिसे ग्रीस में एस्टेरॉइड्स के रूप में तब्दील किया गया, जिसका अर्थ है तारा-जैसा, तारा-आकार, और प्राचीन ग्रीक तारा, ग्रह से उत्पत्ति है। 19वीं सदी के श

World latgest dams

1.Nurek Dam (TajiKistan) यह बांध ताजिकिस्तान मैं स्थित है।  न्युरेक बांध (nurek Dam) विश्व का सबसे ऊंचा बांध है। इसकी ऊंचाई 304 metre , वे इसकी लंबाई 700 metre है। यह बांध ता जिकिस्तान मैं बख्श (vakhsh) नदी पर बना हुआ है। इस बांध का निर्माण सन् 1961 मैं शुरू हुआ था और सन् 1981 मैं खत्म हुआ था। न्यूरेक बांध मैं नौ फ्रांसीसी टरबाइन जनरेटर टावर स्थापित किए गए हैं। उनकी क्षमता 3,015 मेगावाट की है। 2.Xiaowan Dam(china) यह दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है। यह बांध चीन (china) में लंकार(lancang) नदी पर बनाया गया है। और यह लगभग 4200 मेगावाट स्टेशन को सपोर्ट करता है। इस बांध का निर्माण 2002 से 2010 के दौरान किया गया। इसकी ऊंचाई 292 मीटर है। 3.Grande Dixence Dam (Switzerland) ग्रैंड डीक्सेंसे बांध स्विट्जरलैंड में डिसेंस नदी पर बनाया गया है। यह बात पनबिजली के लिए बनाया गया है, स्विट्जरलैंड का यह बांध चार पावर स्टेशन को ईंधन प्रदान करता है यह बांध लगभग 40,000 घरों को बिजली प्रदान करने की क्षमता रखता है। 4.Enguri Dam (Georgia) इंगुरी बांध दुनिया के सबसे ऊंचे बांधों की श्रेणी में है। यह बात इं

Pyramid

मिस्र के पिरामिड मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फेरो (सम्राट) गणओ के लिए बनाए गई स्मारक स्थल है।  जिनमें में राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है, इन सबों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान्न, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहने, बर्तन, वाघ यंत्र, हथियार, जानवर एवं कवि कविता सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था। मिस्र की सभ्यता:-  मिस्र की सभ्यता एक प्राचीनतम सभ्यता है, यह तो मिस्र में 138 पिरामिड है, और काहिरा के उपनगर गीता में तीन लेकर सामान्य विश्वास के विपरीत सिर्फ गीजा का ग्रेट पिरामिड ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है। दुनिया के सात प्राचीन भाषाओं में यही एकमात्र ऐसा स्मारक है, जिसे काल प्रभाव भी खत्म नहीं कर सका। यह पिरामिड 750 फुट ऊंचा है। 43 सदियों तक यह है दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा। 19वीं सदी में ही इसकी ऊंचाई का कीर्तिमान टूटा। इसका आकार 43 एकड़ में फैला है जो करीब 14 फुटबॉल मैदानों जितना है। यह 24 लाख चूना पत्थर ओके खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन 2 से 30 टन के बीच है। ग्रेट पिरामिड को इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि वर्तमान तकनीकी

Cyclone (चक्रवात)

चक्रवात (cyclone) चक्रवात घूमती हुई वायुराशि को कहते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं:- 1. उष्णकटिबंधीय चक्रवात या वलकियक चक्रवात (tropical cyclone) 2. ब्राहोष्ककटिबंधीय चक्रवात या शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवात या उष्णवल्यापर चक्रवात (extratropical cyclone या temperate cyclone) वायु संगठन या तूफान है जो उष्णकटिबंधीय में तीव्र और अन्य स्थानों पर साधारण होते हैं। इनमें प्रचुर वर्षा होती है। इसका व्यास 50 से लेकर 1000 मील तक का तथा उपेक्षा का अर्थ निम्न वायुदाब वाला होता है। यह 20 से 30 मील प्रति घंटे का होता है। यह वेस्टइंडीज में  प्रभंजन(hurricane) तथा चीन सागर एवं फिलीपींस में बवंडर(typhoon)और अमेरिका में टॉरनेडो(tornado) तथा ऑस्ट्रेलिया में विल्ली विलिज कहे जाते है। उष्णवलयपार  चक्रवात यह मध्य एवं उच्च अक्षांशों का निम्न वायुदाब वाला तूफान है। इसका वेग 20 से लेकर 30 मील प्रति घंटे के देख से सर्कुलर रूप से चलता है। प प्राय: इससे हिमपात एवं वर्षा होती है। दोनों प्रकार के चक्रवात cyclone उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त रूप में संचारित होता है। उष्णवलयपार चक्रवात

Mars (मंगल)

मंगल (mars) मंगल सौरमंडल का चौथा ग्रह है, पृथ्वी से इसकी आभा रिक्तिया दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं। स्थलीय ग्रहण जिनमें जमीन होती है, आगे से गए जिनमें गैस की मात्रा अधिक होती है।  इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमाा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखी घाटियों रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चट्टानों की याद दिलाती है।   सौरमंडल का सबसे अधिक ऊंचा पर्वत, ओलंपस मोन्स मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम कैनियन वेलेस मेरीनेरिस भी मंगल ग्रह पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान है, इस ग्रह पर जीवन होने की संभावना है। 1965 में मेरिनर 4 के द्वारा की पहली मंगल उड़ान से पहले तक यह माना जाता था की ग्रह की सतह पर तरल अवस्था में जल हो सकता है। यह हल्के और गहरे रंग के धब्बों की सूचनाओं पर आधारित था। विशेष तौर पर ध्रुवीय अक्षांश और जो लंबे होने पर समुद्र और महाद्वीपों की तरह दिखते हैं। काले striation की व्याख्या कुछ प्रेक्षको द्वारा पानी की सिंचाई लहरों के रूप

Citizenship (नागरिकता)

नागरिकता(Citizenship) नागरिकता एक विशेष सामाजिक राजनीतिक राष्ट्रीय या मानव संसाधन समुदाय का एक नागरिक होने की अवस्था है। सामाजिक अनुबंधन के सिद्धांत के तहत नागरिकता की अवस्था में अधिकार और उत्तरदायित्व दोनों शामिल होते हैं। सक्रिय नागरिकता के दर्शन अर्थात नागरिकों को सभी नागरिकता के जीवन में सुधार करने के लिए आर्थिक सहभागिता सार्वजनिक स्वयं सेवा कार्य और इसी प्रकार के प्रयासों के मध्य से अपने समुदाय को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। इस दिशा में कुछ देशों में स्कूल नागरिकता शिक्षा उपलब्ध कराते हैं। वर्जिनियां लिएसी (1999) के द्वारा नागरिकता को अधिकारों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया गया। उनके अनुसार नागरिकता की अवस्था में प्राथमिक रूप से सामुदायिक जीवन में राजनीतिक मतदान का अधिकार और दायित्व शामिल है। राष्ट्रीय नागरिकता आमतौर पर नागरिकता को एक व्यक्ति और एक विशेष देश के बीच संबंध के रूप में देखा जाता है। प्राचीन ग्रीस में मुख्य राजनीतिक इकाई शहर राज्य होते थे और नागरिक विशेष शहर राज्यों के सदस्य होते थे पिछले 500 वर्षों में राष्ट्र की सदस्यता के रूप में जाना जाने लगा