पृथ्वी (earth)
- हमारे सौरमंडल के 8ग्रह अपने अक्ष पर घूम रहे हैं। अपने अक्ष पर होने के साथ ही वह सूर्य की परिक्रमा भी करते हैं।
- पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना (rotation) कहलाता है। तथा पृथ्वी का अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाना परिक्रमण (revolution)कहलाता है।
- पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष पर घूर्णन गति को पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट 40.91 सेकंड लगते हैं।
- पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती हुई लगभग 24 घंटे में पूरा करती ह।
- पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती हुई लगभग 24 घंटे में rotationपूरा करती है।इस समय अवधि को एक पृथ्वी दिवस कहते हैं। पृथ्वी की दैनिक गति है।
- इस गति के कारण ही दिन होते हैं।
- पृथ्वी सूर्य से प्रकाश की ऊष्मा लेती है। जिसके कारण एक समय में पृथ्वी के आधे भाग में ही सूर्य का प्रकाश पड़ता है। वहां दिन होता है और जहांं सूर्य का आकाश नहीं पड़ता वहां रात होती हैं।
- पृथ्वी की वार्षिक गति (परिक्रमा)
- पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा भी करती है। पृथ्वी 365 1/4 (365 दिन 6 घंटे) में सूर्य का एक चक्कर पूरा करती है ।
- यह पृथ्वी की वार्षिक गति है। पृथ्वी अक्षर पर 23 1/2० झुकी हुई है।
- पृथ्वी के अक्ष का झुकाव वर्ष भर एक ही ओर बना रहता है। पृथ्वी के अक्ष का झुकाव और सूर्य के चक्कर परिक्रमा करने के कारण ही ऋतु परिवर्तन है।
- यदि पृथ्वी अपने अक्ष पर नहीं झुकी नहीं होती तो (revolution) बावजूद परिवर्तन नहीं होता।
- पृथ्वीअपने अक्ष पर 23 1/2 झुकी होने के कारण वर्ष भर सूर्य कर्क मकर रेखा के मध्य गति करता प्रतीत होता है। वर्ष में 6 महीने उत्तरी गोलार्ध में 6 महीने दक्षिणी गोलार्ध में दिखाई पड़ती है।
- 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है इस स्थिति को सूर्य का उत्तरायण होना ग्रीष्मा संक्रांति कहते हैं। अपना में कर्क रेखा के सर्वाधिक सूर्य ताप होता है।
- उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक व्रत के उत्तरी भाग में दिन होता है और दक्षिणी भाग में अंटार्कटिका व्रत में रात होती है।
- उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में शीत ऋतु होती है। 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर सीधा चमकता है। इस स्थिति को मकर संक्रांति कहते हैं।
- 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा चमकता है।
- विषुवत रेखा पर सर्वाधिक सूर्य ताप होता है इसीलिए इन तिथियों को विषुव कहते हैं। 21 मार्च को वसंत विषुव और 23 सितंबर को शिशिर विषुव होता है।
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