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Karl landsteiner (blood group searches)

कार्ल लैंडस्टैंनर 

कार्ल लैंडस्टेनर ( karl landsteiner 14june 1868- 26june 1943) ऑस्ट्रेलिया के एक जीव वैज्ञानिक तथा चिकित्सक थे। सन् 1900 मैं उन्होंने रक्त के मुख्य समूह की पहचान की।
Karl landsteiner
इनका जन्म 14june 1868 baden bei wein Austria -Hungary मैं हुआ था। तथा इनका निधन 26June 1943(75 वर्ष की उम्र में)हो गया था।New york city ,new york ,US मे।
इनकी नागरिकता Austria ,Netherlands, US
इनका क्षेत्र- Medicine,virology थी।
इनकी संस्था university of Vienna Rockfeller Institute for Medical Research
शिक्षा- University of Vienna
प्रसिद्धि:- Devlopment of blood group system Discovery of Rh factor,Discovery of Poliovirus
इन्हे *Novel prize in Physiology or medicine (1930)*Lasker -Debakey Clinical Medical Research Award (1946posthumously)
*ForMemRs(1941)
इन्होंने यह पता लगाया कि किसी व्यक्ति को अगर किसी अन्य व्यक्ति का रुधिर (blood)चढ़ाया जाता है तो कभी तो उस व्यक्ति की जान बच जाती है मैं कभी कभी उस व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है ऐसा क्यों?
इन्होंने रुधिर (blood)के बारे में बहुत अध्ययन किया तथा यह पता लगाया कि सभी मनुष्य का रुधिर वर्ग ( blood group) अलगअलग होने के कारण कभी किसी व्यक्ति का रुधिर वर्ग अन्नदाता व्यक्ति से मिल जाता है तो उस व्यक्ति की जान बच जाती है वह किसी अन्य वर्ग के रुधिर चढ़ने पर उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। आइए अध्ययन करते हैं कि रुधिर वर्ग होता क्या है।
रुधिर वर्ग
:-रुधिर प्लाज्मा एवं उस में तैरने वाले रुधिर कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। रुधिर में निर्जीव प्लाज्मा 65% एवं सजीव रुधिर कोशिकाएं 35% होती है।
प्लाज्मा में 90% जल एवं 10% अन्न पदार्थ होते हैं।
:-लाल रुधिर कोशिकाएं ( RBC)
इनमें उपस्थित हिमोग्लोबिन (Haemoglobin) नामक लाल वर्णन ( red pigments) के कारण ही रुधिर का रंग लाल होता है। हिमोग्लोबिन शरीर की हर कोशिका में ऑक्सीजन पहुंचाता तथा कार्बन डाइऑक्साइड को वापस लाने का कार्य करता है। लाल रुधिर कोशिकाओं का जीवनकल 120 दिन होता है और इनका निर्माण लाल अस्थिमज्जा (Red bone marrow) मैं होता है।
:-श्वेत रुधिर कोशिकाएं (WBC)
यह अनियमित आकार की होती है और संख्या में लाल रुधिर कोशिकाओं की तुलना के बहुत कम होती है। इनका जीवन काल 24 से 30 घंटे होता है। तथा निर्माण लाल अस्थि मज्जा में होता है। इनके मुख्य कार्य रुधिर परिवहन, मृत पदार्थों को हटाना, एवं जीवाणु के विरुद्ध लड़ना आदि है।
:-प्लेटलेट्स कोशिकाएं
यह रक्त जमने ( blood clotting) मैं सहायता प्रदान करती है।
*रुधिर समूह (Blood Group)
1902 ईस्वी में नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टेनर ने रुधिर समूह की खोज की। मनुष्य में चार रुधिर समूह होते हैं: A,B,AB और O है।'O'समूह वर्ग का रुधिर किसी भी मनुष्य को दिया जा सकता है। इसे सर्वदाता Universal Donor कहते हैं।'AB'समूह सभी रुधिर समूह से रुधिर ग्रहण कर सकता है, इसे सर्वग्राही Universal Recipient कहते हैं।
       रक्त आधान ( blood Transfusion)
रक्त समूह।          रक्त प्राप्तकर्ता                रक्तदाता वर्ग
Blood                 वर्ग blood।               Blood        
Group।           Recipient Group।     Donor 
                                                               group

 A                   A,AB                          A,O
B                    B,AB                           B,O
AB                  AB                          A,B,AB,O
O               A,B,AB,O                       O
Rh Factor
Rh एक प्रकार का एंटीजन होता है जो लाल रुधिर कोशिकाओं में पाया जाता है। जिसे मनुष्य के शरीर में यह पाया जाता है वह Rh+एवं जिसके शरीर में नहीं पाया जाता Rh-कहलाता है। भारत में लगभग 97% लोग Rh+के हैै। यदि किसी Rh-वाले व्यक्ति को Rh+वाले व्यक्ति का रुधिर दे दिया जाए तो उसकी मृत्यु हो जाएगी।

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