प्रशांत महासागर:-
प्रशांत महासागर अमेरिका एशिया को पृथक करता है, यह विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा महासागर है।तुलनात्मक भौगोलिक अध्ययन से पता चलता है कि इस महासागर में जमीन का भाग कम तथा जलीय क्षेत्र अधिक है।
परियच:-
वैज्ञानिक अन्वेषण तथा सहासिक नाविकों द्वारा इस महासागरों के विषय में ज्ञान प्राप्त करने के अनेक प्रयत्न किए गए तथा अभी इसका अध्ययन जारी है, सर्वप्रथम पेटर्बयुक महोदय ने इनके बारे में पता लगाना आरंभ किया। इसके पश्चात बैलवोआ, मागेमेनदान्या हारिस (Horace) कुकु आदि यूरोपियनो ने प्रयत्न किया।
द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होनेपर संयुक्त राष्ट्र ने इसके बारे में खर्च के निमित्त अनेक प्रयास किए। जो सफाई व्यापार तथा पूंजी विनियोग के विकास के लिए लाभदायक सिद्ध हुए। अभी निरंतर प्रशांत महासागर के गर्भ बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अन्वेषण जारी है।
इसका क्षेत्रफल 16,57,23,740 वर्ग मील, अर्थात अटलांटिक महासागर के दुगुने से भी अधिक है। यह फिलीपींस कार्ड से लेकर दक्षिण अटलांटिक तक 10,492 मील लंबा है।
*इसका उत्तरी किनारा केवल 36 मेल का बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा आर्कटिक सागर से जुड़ा है।इसका इतने बड़े क्षेत्र फैले होने के कारण यहां के निवासी वनस्पति पशु तथा मनुष्य की रहन-सहन से पृथ्वी के अन्य भागों के सागरों की अपेक्षा बड़ी विभिन्नता है।
*प्रशांत महासागर की औसत गहराई लगभग 14,000 फुट है तथा अधिकतम गहराई लगभग 35,400 फुट है।
*इसके पूर्वी एवं पश्चिमी किनारों में बड़ा अंतर है, पूर्वी किनारे पर पर्वतों का क्रम फैला है, या समुंद्री मैदान बहुत ही संकरे है। इसी कारण यहां अच्छे-अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। तथा सभ्यता की भी अधिक उत्पत्ति नहीं हो पाई है। बेरिंग जलडमरू बर्फ से जमा रहता है, जिससे यातायात में बाधा पड़ी है। इसके विपरीत इस पश्चिमी किनारे पर पर्वत नहीं है। बल्कि कई दीप, खाड़ीया, प्रयदीप तथा डेल्टा है।
पश्चिमी किनारे पर जापान, फिलीपींस, हिंदाशिया, आदि के लगभग 7,000 दीप है। इस किनारों पर विश्व की बड़ी बड़ी नदियां इस में गिरती है। जिनके डेल्टा में घनी जनसंख्या बसी है तथा अच्छे-अच्छे बंदरगाह है।
प्रशांत महासागर की आकृति त्रिभुजाकार है। इसका शीर्षक बेरिंग जलडमरूमध्य पर है। जो घोड़े के खुर की आवृत्ति का है। और ज्वालामुखी पर्वतों तथा छोटे-छोटे पहाड़ियों से घिरा हुआ बेसिन बनाता है। अमेरिका का पश्चिमी तट प्युजेट साउंड (puget sound) मैं अलास्का तक बर्फीली चट्टानों से युक्त है।
उत्तर की ओर अल्यूशेन दीप का वृत्त खंड है। जो साइबेरिया के समीपपर्वती भागों से होता हुआ बेरिंग सागर तक चला गया है।मुख्य जी प्रशांत महासागर के पश्चिम किनारे से होकर कैंपचैटका प्रदीप के उत्तर और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्व की ओर फैला हुआ है। यह हिंदासिया के व्रत खंड से जुड़ जाते हैं। भूवैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाना चाहा कि इस महासागर का निर्माण प्रारंभ में कैसे हुआ लेकिन वह कोई भी सर्वमान्य सिद्धांत ना निकाल पाए।
यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका 1898 मैं स्पेन से गुआय और फिलीपींस का नियंत्रण हासिल किया जापान ने 1914मैं पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र का अधिकांश भाग कब्जा कर लिया। हालांकि उसे युद्ध के आभासी मास्टर थे।द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद से प्रशांत क्षेत्र में कई पूर्व कालोनियों को स्वतंत्र राज्य बन गया।
प्रशांत महासागर एशिया और ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका से अलग करता है।यह दक्षिण में अंटार्कटिका क्षेत्र से उत्तर में आर्केटिक तक फैला हुआ है। प्रशांत महासागर पृथ्वी की सतह का एक तिहाई हिस्सा है।प्ले टेक्ट्रॉनिक्स के प्रभाव के कारण प्रशांत महासागर वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 2.5 सेंटीमीटर (1inch) तीन पक्षो से सिकुड़ रहा है। जो लगभग 0.52 किलोमीटर 2(0.20 वर्गमील) 1 वर्ष का औसत है। इसके विपरीत अटलांटिक महासागर आकार में बढ़ रहा है। प्रशांत महासागर के अनियमित पश्चिमी मार्जिन के साथ कई समुंद्र है। जिनमें से सबसे बड़े सिलेबस सागर, कोरल सागर, पूर्वी चीन सागर, फिलीपीन सागर, जापान के सागर, दक्षिणी चीन सागर ,सल्ल सागर , तस्मान सागर, पीला सागर, इंडोनेशियाई सेवे,पश्चिम में मैं प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में शामिल हो जाती है। ऑल ट्रक मार्ग ऑफ द स्टेट ऑफ मेगेलान , कोरबा में अटलांटिक महासागर के साथ प्रशांत को जोड़ती है, उत्तर में बैरिंग स्टेट आर्कटिक महासागर के साथ प्रशांत महासागर को जोड़ती है।
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