भारतीय बैंकिंग:-
बैंक ऑफ हिंदुस्तान (1770 ई ०) यूरोपियन प्रबंधन में भारत का पहला बैंक था।
भारत का पहला भारतीय बैंक अवध कमर्शियल बैंक था जिसकी स्थापना वर्ष 1881 में की गई थी।
उसके बाद वर्ष 8394 में पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना हुई जो पहला पूर्ण रूप से भारतीय बैंक था।
भारतीय रिजर्व बैंक:-
भारत का केंद्रीय बैंक।
1 अप्रैल 1935 को ₹5 करोड़ की अधिकृत पूंजी के साथ स्थापना।
1 जनवरी 1949 को रिजर्व बैंक (RBI)का राष्ट्रीयकरण।
रुपए के बारे और आंतरिक मूल्यों मे स्थिरता लाना,
साख एवं मुद्रा नीतियों का समन्वय,
व्यापारिक अधिक ओशो के नगद कोशो का केंद्रीकरण,
व्यापारिक बैंकों का उचित विकास
कृषि साख व्यवस्था
मुद्रा बाजार का संगठन एवं विकास,
विदेशों से मौद्रिक संपर्क,
समको का प्रकाशन
सहकारी बैंकों की स्थापना एवं विकास
रिजर्व बैंक का मुख्यालय मुंबई में है
केंद्रीय बोर्ड के अतिरिक्त आरबीआई के चार स्थानीय बोर्ड भी है जिनके मुख्यालय मुंबई, कोलकाता, चेन्नई तथा नई दिल्ली में।
वर्तमान समय में आरबीआई करेंसी नोट जारी करने के लिए न्यूनतम निधि पद्धति (minimum reserve system) अपनाता है।
इस पद्धति में आरबीआई के पास वर्ण एवं विदेशी ऋण पत्र कुल मिलाकर किसी भी रुपए 200 करोड़रुपए के मूल्य से कम नहीं होने चाहिए जिसमें से न्यूनतम 115 करोड़ का स्वर्ण होना चाहिए आवश्यक है।
नरसिम्नहन कमेटी की सिफारिश पर आरबीआई ने नवंबर 1994 मैं एक वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड गठित किया जिसका कार्य बैंकिंग संस्थाओं के साथ साथ गैर बैंकिंग संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखना है।
भारत की वर्तमान करेंसी व्यवस्था:-
भारतीय करेंसी व्यवस्था की इकाई रुपया है जिसमें कागजी करेंसी और सिक्के दोनों प्रचलित है। सिक्के एवं ₹1 का नोट (जिसका मुद्रण अब बंद कर दिया गया है) भारत सरकार निर्गत करती है, जबकि 5,10,20,50,100,500 और 1000 रुपए की करेंसी नोट भारतीय रिजर्व बैंक निर्गत करती है।
नोट निर्गमन का एकाधिकार , साख नियंत्रण, खुले बाजार की क्रियाएं, परिवर्तनशील कोषानुपाथ, तरलता कोषानुपाथ, चयनित साख नियंत्रण, ऋणों परिमार्जन घटाना बढ़ाना, ऋण देने से पहले अनुमति, साख नियंत्रण व्यवस्था (CMA),नैतिक दबाव, प्रचार, सरकार का बैन कर, बैंक व्यवस्था का नियमन एवं नियंत्रण, समाशोधन व्यवस्था, बैंकों का बैंक, विदेशी विनिमय व्यवस्था ।
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