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Longitude and latitude (Location of earth)

पृथ्वी की अवस्थिति :-

पृथ्वी पर किसी वस्तु की अवस्थिति ब्लॉग पर सुनिश्चित स्वीकार्य गणितीय सिद्धांतों पर आधारित काल्पनिक रेखाओं से ज्ञात की जाती है। जैसे देशांतर रेखाएं तथा अक्षांश रेखाएं।
देशांतर रेखाएं (longitudes)
उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पृथ्वी के दोनों आधार बिंदु हैं। एक ध्रुव से दूसरे ग्रुप को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा ही देशांतर रेखाएं कहलाती है। ग्रीनविच वेधशाला, जो कि लंदन के निकट है, से गुजरने वाली देशांतर रेखा को प्रधान देशांतर रेखा कहां जाता है। इस्कान मान 0°देशांतर है।
भारत का मानक समय (standard time) 82,1/2°पूर्वी देशांतर रेखा,जो कि इलाहाबाद (नैनी) से गुजरती है, से माना जाता है ।
ग्रीनविच से 180°पूर्व तक पूर्वी गोलार्ध एवं 180°पश्चिमी तथा पश्चिमी गोलार्ध कहलाता है। चौकी पृथ्वी की आकृति गोवा का है इसीलिए इसे 360°मैं विभाजित किया जाता है ।
1°की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट लगते हैं ।
क्योंकि सूर्य पूर्व में उदय होता है और पृथ्वी पश्चिम से पूर्व अपनी धुरी पर घूमती है अतः पूरब का समय आगे और पश्चिम का समय पीछे रहता है। इसी कारण पृथ्वी के सभी स्थानों पर भिन्न-भिन्न देशांतर ऊपर समय अलग होता है।
15°देशांतर पर 1 घंटे का अंतर आ जाता है।
भूमध्य रेखा पर 1°=111.32 किलोमीटर (लगभग) होता है । ध्रुवों की और यह दूरी घटती जाती है और ध्रुवों पर शुन्य हो जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा, 180°

यह पूर्व में पश्चिमी देशांतर के मिलने वाला बिंदु होता है।
यहां पर 24 घंटे अर्थात 1 दिन का अंतर हो जाता है।
यह आर्कटिक महासागर, बेरिंग स्ट्रेट व प्रशांत महासागर से गुजरती है। इसे फिजी, गिलबर्ट आदि द्वीप पर पूरब या पश्चिम में किसका या गया है ताकि यह भू स्थल एक ही तिथि का पालन कर सकें।
यदि कोई यात्री पश्चिम दिशा में यात्राकरते हुए तिथि रेखा को पार करता है तो उसे 1 दिन की हानि होती है। क्योंकि पश्चिमी क्षेत्र में समय पीछे चल रहा होता है।जैसे यदि कोई व्यक्ति 31 दिसंबर को नववर्ष की पार्टी मना करती थी रेखा पार करता है तो दूसरी ओरभी वह अगली रात को नववर्ष पार्टी मना सकता है यानी उसे 31 दिसंबर दोबारा व्यतीत करना पड़ेगा क्योंकि तिथि रेखा पार करने पर दिन 24 घंटे पीछे हो जाता है।
यदि कोई व्यक्ति पूरब दिशा में यात्रा करते हुए तिथि रेखा को पार करता है तो उसे 1 दिन का लाभ हो जाएगा क्योंकि पूरा क्षेत्र में समय आगे चल रहा। जैसे यदि वह बुधवार को यात्रा प्रारंभ करता है तो दूसरी ओर शुक्रवार का दिन उसे प्राप्त होगा क्योंकि तिथि रेखा पार करने पर 24 घंटे दिन आगे हो जाता है।
अक्षांश रेखाएं (latitude)
ग्लोब पर खींची गई समांतर रेखाओं को अक्षांश रेखा कहा जाता है। 0°की अक्षांश रेखा भूमध्य रेखा equator कहलाती है। यह पृथ्वी के केंद्र से गुजरती है एवं पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है। इसे विषुवत रेखा विषुवत वृत्त भी कहते हैं। भूमध्य रेखा पर दिन रात बराबर होते हैं।
1°अक्षांश = 111 किमी (लगभग)
भूमध्य रेखा से ऊपर 0°से 90°उत्तरी ध्रुव तक उत्तरी गोलार्ध और भूमध्य रेखा से नीचे का 0°से 90°दक्षिणी ध्रुव तक दक्षिणी गोलार्ध कहलाता है ।
उत्तरी गोलार्ध में 23,1/2°N के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा कर्क रेखा tropic of Cancer कहलाती है।
दक्षिणी गोलार्ध में 23,1/2° S के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा मकर रेखा (tropic of Capricorn) कहलाती हैं।
उत्तरी गोलार्ध में 66,1/2°N दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा आर्कटिक रेखा (Arctic circle) कहलाती है।
दक्षिणी गोलार्ध में 66,1/2° S के दोनों बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा अंटार्कटिक रेखा (Antarctica circle)कहलाती है।

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