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Major movements of the world

 विश्व के प्रमुख आंदोलन एवं महान क्रांतियां :-

1. पुनर्जागरण (Renaissance)
*नवयुग के "की सूचना देने वाले पुनर्जागरण आंदोलन 15वीं शताब्दी में हुए थे।
*पुनर्जागरण का अर्थ होता है-फिर से जागना।
*मध्यकाल में यूनानी एवं लेटेस्ट साहित्य को भूलकर यूरो की जनता अंधविश्वासों में पड़ गई थी, उस में निराशा की भावना एवं उत्साहहीनता ने जन्म ले लिया था। पुनर्जागरण ने मध्ययुगीन आडंबरों,अंधविश्वास एवं प्रथाओं को समाप्त किया। तथा उनके स्थान पर व्यक्तिवाद, भौतिकवाद, स्वतंत्रता की भावना, उन्नत आर्थिक व्यवस्था एवं राष्ट्रवाद को प्रतिस्थापित किया।
*पुनर्जागरण का आरंभ इटली के फ्लोरेंस नगर से माना जाता है।
*ब्रिजेटाइम समाज की राजधानी कुस्तुनतुनिया का पतन, पुनर्जागरण का एक प्रमुख कारण था।
*इटली के महान कवि दाते को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है। इन्होंने इटली की बोलचाल की भाषा तस्कन में'डिवाइन कॉमेडी'की रचना की।
*इटली के निवासी पेंट्राक को मानववाद का संस्थापक मारा जाता है।
*द प्रिंस के रचेत मैकियावेली को आधुनिक विश्व का प्रथम राजनीतिक चिंतक माना जाता है।
*द लास्ट सपर एवं मोनालिसा नामक अमर चित्रों के रचयिता लियोनार्दो दा विंची चित्रकार के अलावा मूर्तिकार, इंजीनियर, वैज्ञानिक, दार्शनिक, कवि और गायब था।
*इंग्लैंड के रोजर बेकन को आधुनिक प्रयोग का जन्मदाता माना जाता है ।
*जिअटो को चित्रकला का जनक माना जाता है।
*कॉपरनिकस ने बताओ पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है तथा जर्मनी के कैपलर ने इसकी पुष्टि की।
*गैलीलियो ने दोलन संबंधी सिद्धांत दिया, जिसे वर्तमान में प्रचलित घड़ियां का निर्माण हुआ।
*न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम का पता लगाया।
धर्म सुधार आंदोलन:
धार्मिक जीवन में यूरोपियन पुनर्जागरण के प्रभाव, धर्म सुधार आंदोलन के रूप में सामने आए। पुनर्जागरण से पूर्व यूरो पर कैथोलिक चर्च का एकछत्र साम्राज्य था। सारा समाज धर्म केंद्रित, धर्म प्रेरित और धर्म नियंत्रित था।
धर्म सुधार आंदोलन होने को क्लिक चर्च की बुराइयों को उजागर करते हुए एक नए संप्रदाय, प्रोटेस्टेंट को जन्म दिया और तब कैथोलिक चर्च ने आत्म निरीक्षण के क्रम में प्रति धर्म सुधार आंदोलन चलाया।
धर्म सुधार आंदोलनों में धर्म के मूल स्वरूप के लिए कोई चुनौती नहीं थी । विरोध केवल व्यवहार एवं कर्येनवन का था, किसी ने भी ईसा मसीह, बाइबल आदि में अन आस्था प्रकट नहीं की थी।
इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रांति 1688:-
इंग्लैंड में 1603 ई ० मैं स्टुअर्ट राजवंश का शासन प्रारंभ हुआ । इस राजवंश के शासक देवी अधिकारों में विश्वास करते थे।
इंग्लैंड में वर्ष 1642 ई ० से 1649 तक  सप्तवर्षिय गृह युद्ध हुआ। गृह युद्ध के पश्चात चार्ल्स प्रथम को फांसी दे दी गई तथा चार्ल्स द्वितीय को राजा बनाया गया। चास द्वितीय की निरंकुशता से जनमत उसके विरुद्ध हो गई। चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के बाद जेम्स द्वितीय शासक बना। देवी देवी सिद्धांत में विश्वास करता था तथा निरंकुश था। गेम्स द्वितीय के क्रियाकलापों से 1888 ई ० मैं एक क्रांति हुई। इसे"रक्तहीन क्रांति'अथवा"वैभव पूर्ण क्रांति"भी कहा जाता है क्योंकि इस क्रांति में एक बूंद भी रक्त धरती पर नहीं गिरा।
इसके बाद इंग्लैंड में संसद की सर्वोच्चता की स्थापना हुई।

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