विधानसभा:- विधानसभा राज्य के विधनमण्डल का निम्न सदन है।विधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रुप से राज्य की जनता करती है। इस कारण इस सदन को लोकप्रिय सदन भी कहते हैं। विधानसभा विधानपरिषद से अधिक शक्तिशाली होती है। राज्य की विधान सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 525और न्यूनतम संख्या 60 होती है। निर्वाचन पद्धति:- आंग्ल भारतीय समुदाय के एक नामजद सदस्य को छोड़कर विधानसभा के अन्य सभी सदस्यों का मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रुप से चुनाव होता है।विधानसभा के निर्वाचन के लिए व्यस्त मताधिकार और संयुक्त निर्वाचन प्रणाली अपनाई गई है । मतदाताओं की योग्यताएं:- मतदाता होने के लिए 18 वर्ष की आयु प्राप्त हो भारतीय नागरिक होना चाहिए। उसे पागल,बढ़िया या अपराधी नहीं होना चाहिए तथा उसका नाम मतदाता सूची में सम्मिलित होना चाहिए। सदस्यों की योग्यता:- वह भारत का नागरिक हो। कम से कम 25 वर्ष आयु पूरी कर चुका हो। संसद द्वारा निर्धारित की गई योग्यताएं रखता हो। दिवालिया, पागल तथा सरकारी कर्मचारी ना हो। कार्यकाल:- सावधान अवस्था में राज्य विधानसभा का कार्यकाल उसकी पहली बैठक से 5 वर्ष का है। किंतु राज्यपा...
आवर्त सारिणी (periodic table) तत्वों का वर्गीकरण:-(classification of element) *सन् 1869 में एशियन वैज्ञानिक मेंडलीफ ने तत्वों का प्रथम आवर्त वर्गीकरण दीया । *तत्वों के गुण, उनके परमाणु भार ओके आवर्ती फलन है। *मेंडलीफ के समय में 63 ज्ञात तत्व थे जिन्हे उन्हें सात आवर्तो (क्षतिज कॉलमो) तथा 8 वर्गो (खड़े कॉलमो) मैं बाटा। *आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार तत्वों के गुण उनके परमाणु क्रमांक आवर्ती फलन है। *मेंडलीफ की संशोधित आवर्त सारणी को 18 खड़े कॉलम (जिन्हें समूह कहते हैं) तथा सात क्षतिज कोलंमो(जिन्हें आवर्ट हैं) मैं बांटा गया। आवर्त के समय लक्षण:- प्रत्येक आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर तत्वों में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या 1 से 8 तक बढ़ती है। आवर्ता में तत्वों को बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के अनुसार रखा गया है। आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर तत्वों की संयोजकता पहले एक से चार बढ़ती है, फिर 4 से 1 तक घटती हैं। आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु का आकार घटता है। प्रत्येक आवर्त में बाएं से दाएं चलने पर तत्व का धनात्मक गुण घटता है। प्रत्येक आवर्त में बाएं से दाएं चलने पर परमाणु का आकार ...