सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पोषण (Nutrition)

  पोषण ( Nutrition) उन सभी क्रियाओं का कुल योग है जो भोजन के अंत्य ग्रहण पाचन, पचे हुए भोजन के अवशोषण और अपाचित भोजन के बहिष्कार से संबंधित है, पोषण मुख्यतः दो प्रकार का होता है:- 1. स्वपोषण:- जीव अपना भोजन स्वयम बनाते हैं, जैसे:-सभी हरे पौधे, कुछ एककोशिकीय जीव,-यूग्लीना, अमीबा आदि  2. परपोषण:- जीव अपने भोजन हेतु अन्य जीवो पर निर्भर रहते हैं:- जैसे:- परजीवी तथा  किटहारी, पोेधे। *भोजन(Food) भोजन में पोषक पदार्थ है जो किसी जीव द्वारा, वृद्धि, कार्य, मरम्मत और जीवन क्रियाओं के संचालन हेतु ग्रहण किया जाता है।जिसकी मात्रा एक उसके अवयव भिन्न भिन्न हो सकते हैं। भोजन के अवयव Components of food भोजन के साथ प्रमुख अवयव निम्नलिखित है 1.कार्बोहाइड्रेट 2. वसा 3. प्रोटीन 4. खनिज लवण 5. विटामिन 6. जल 7. मोटा चारा ( Roughage ) कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट पॉलीहाइड्रिक सी एल्डिहाइड अथवा कीटोन होता है जो C,Hएवं O से बने होते हैं, इसमें C,H एवं O का अनुपात सामान्यत 1;2:1 होता है। कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर हेतु मुख्य उर्जा के स्त्रोत है, यह ऑक्सीकरण के पश्चात शरीर में उर्जा उत्पन्न करते हैं। 1 ग्राम कार्

Human Eye( मानव नेत्र)

मानव नेत्र नेत्र प्रकाश संवेदी अंग है, नेत्र गोलक मुख्यतः तीन स्तरों का बना होता है, Sclerotic:- द्रढ पटल तथा अपारदर्शी भाग Choroid यह कोमल संयोजी ऊतक का बना होता है, इसमें रंग कणिकाएं होती है, रंगा कणिकाएं खरगोश में लाल, मनुष्य में काली, भुरी या नीली  होती है, Retina सबसे भीतरी परत है जो संवेदी होती है, कॉर्निया एक पतली, पारदर्शी तरफ से ढका होता है, जिसे Conjunctive कहते हैं, यह प्रकाश को दृष्टि पटल पर केंद्रित करता है, आइरिश, वर्तुल, सर्कुलर पेशियां circular muscles एवं अरिय प्रसादी पेशियों से बना होता है। Iris पुतली के आकार को नियंत्रित करता है , पुतली (pupil) iris के बीच में स्थित काला छिद्र है, जिसके द्वारा प्रकाश नेत्र गोलक में प्रवेश करता है, लेंस द्विउत्ताल, पारदर्शी वित्तीय, तो संरचना है जो प्रोटीन का बना होता है। कॉर्निया एवं लेंस के बीच का भाग तेजोजल या aqueous humour द्वारा भरा होता है। लेंस एवं रेटिना के मध्य की गुहा मैं काचार जल या Vitreous Humour भरा होता है। दृष्टि पटल retina एक तंत्रिका ऊतक की परत एवं एक वर्णक परत का बना होता है, किसी भी वस्तु का चित्र दृष्टि पटल पर बन

शास्त्रीय नृत्य

भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य भारत में सबसे महत्वपूर्ण मुख्य: 7 भागों में बांटा गया है:- *भरतनाट्यम:- यह तमिलनाडु का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है,जिसे कर्नाटक संगीत के माध्यम से एक व्यक्ति प्रस्तुत करता है, यहां भ का अर्थ भाव से,र का अर्थ राग से, त का अर्थ ताल से, और नाट्यम का अर्थ थिएटर से है। यह नृत्य पहले मंदिरों मैं प्रदर्शित होता था। *कथकली:- यह केरल का प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है, इसमें कलाकार स्वयं गाता नहीं है, बल्कि एक विशेष लय एवं राग के संगीत पर नृत्य करता है, नाटक की कथावस्तु अधिकांश: महाकाव्य एवं पौराणिक कथाओं पर आधारित है। कथकली का शाब्दिक अर्थ है, किसी कहानी पर आधारित नाटक। *कुचिपुड़ी:- यह आंध्र प्रदेश का नाट्य नृत्य है। कुचिपुड़ी नामक गांव के नाम पर ही इसका नाम पड़ा, इसमें अनेक कथनको (धार्मिक या पौराणिक) पर नृत्य होता है। *ओडिसी:- यह उड़ीसा का प्राचीन नृत्य है, यह पूर्णता आराधना का नृत्य है, इसमें नृत्य के माध्यम से संपन्न का भाव लिए, नृत्य की ईश्वरीय स्तुति करती हैं। *कथक:- यह मूल्यत: उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य है। 13वीं शताब्दी के संगीत रत्नाकर ग्रंथों में कत्थक शब्

विश्व की प्राचीन सभ्यताएं

*मिश्रा की सभ्यता:- मिस्र की सभ्यता का प्रारंभ 3400 ई० पू ० मैं हुआ। मिस्र को नील नदी की देन कहा गया है। मिश्र के बीच में नील नदी बहती है, जो मिश्र की भूमि को उपजाऊ बनाती है। यह सभ्यता प्राचीन विश्व की अति विकसित सभ्यता थी इस सभ्यता ने विश्व की अनेक सब बताओ को पर्याप्त रूप से प्रभावित किया है। सामाजिक जीवन में सदाचार का महत्व इसी सभ्यता से प्रसारित हुआ है। सामाजिक जीवन की सफलता के लिए उन्होंने नैतिक नियमों का निर्धारण किया। मिस्र के राजा को फराओ कहा जाता था। उसे ईश्वर का प्रतिनिधि तथा सूर्य देवता का पुत्र माना जाता था। मरणोपरांत राजा के शरीर को पिरामिड नामक मंदिर में सुरक्षित कर दिया जाता था। पिरामिड को बनाने का श्रेय फराओ जोसर  के वजीर इमहोटेप को है। मृतकों के शवों को सुरक्षित रखने के लिए शव पर रासायनिक द्रव्यों का लेप लगाया जाता था। ऐसे मृतक के शरीर को ममी कहा जाता था। शिक्षा के क्षेत्र में सर्वप्रथम व्यवस्थित विद्यालय को प्रयोग यही हुआ था और यहीं से अन्यत्र प्रचलित हुआ। विज्ञान के क्षेत्र में मिश्र वासी विश्व में आगे समझे जाते हैं। रेखा गणित में जितना ज्ञान उन्हें था उतना विश्व के अ

Cell And Cell Organelles

कोशिका:- कोशिका सभी जीवधारियों की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई।   कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक (1664) ने की थी। जर्मन वनस्पतिज्ञ मेथीएल  शलाईडेंन (1838) ने कहा कि सभी  पोधे कोशिकाओं से बने होते हैं। थियोड़ोर शवा न 1839 ने कहा कि सभी जंतु एवं पौधे कोशिकाओं से बने होते हैं। माइकोप्लाजमा जैसे:  गेलीसेप्टीकम, प्लुरीन्यूमोनिया PPLO सबसे छोटी कोशिका है। शुतुरमुर्ग का अंडा (मोटाई में) एक तंत्रिका कोशिका (लंबाई में) सबसे बड़ी कोशिका है ।  Shape of the cells (कोशिकाओं की आकृति) 1. अंडाकार , गोलाकर:- parenchyma,collenchyma,phloem,रुधिर कणिकाएं, उपस्थिति कोशिकाएं,वसा कोशिकाओं। 2.तुर्क रूप :- शुक्राणु कोशिकाएं, पादप रेशे, चिकनी पेशी कोशिकाएं। 3. आयताकार:- अधिचर्म कोशिकाएं (epidermal cells) 4. बहुकोणीय:- दारु कोशिकाएं ( xylem cells) 5. अनियमित रूप से शाखित  तंत्रिका कोशिका, अमीबा, WBC 6. लम्बाकार (Rod cells) आंखों की लम्बाकार कोशिकाएं, रेखित पेशीया  7.शंकु ( cone) आंखों की शाम को कोशिकाएं, गोबलेट कोशिकाएं, फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाएं  कोशिका से संबंधित कुछ खोजें Some discoveries related to cell वैज्ञानिक

Himalaya(Mountains of Central Asia)

  हिमालय हिमालय भारत में स्थित एक प्राचीन पर्वत श्रंखला है, हिमालय को पर्वतराज भी कहते हैं जिसका अर्थ है पर्वतों का राजा, कालिदास तो हिमालय को पृथ्वी का मानदंड मानते हैं, हिमालय की पर्वत श्रंखला शिवालिक कहलाते हैं, सदियों से हिमालय की कंदराओ गुफा में ऋषि मुनियों का वास रहा है और वह यहां तपस्या करते हैं, हिमालय अध्यात्म चेतन का ध्रुव केंद्र है। हिमालय अनेक रत्नों का जन्मदाता है, हिमालय पर्वत तंत्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। हिमालय पर्वत सात देशों की सीमाओं में फैला है, यह देश है: पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान, चीन और म्यांमार । संसार की अधिकांश ऊंची पर्वत चोटिया हिमालय मैं ही स्थित है, विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटिया है, विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है, हिमालय में सबसे ज्यादा पर्वत शिखर है जो 7200 मीटर से ऊंचे हैं, हिमालय के कुछ प्रमुख शेयरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, शिव शंकर, गणेय, लांगतंग, कुंभू, मानसलू हैं। हिमालय श्रेणी में 15,000 से ज्यादा हिमनद है जो 12000

Tsunami

  सुनामी:- समुद्री तूफान:- को जापानी भाषा में सुनामी (जापानी आईपीए/su na mi/अथवा आईपीए/tsu na mi) बोलते हैं, यानी बंदरगाह के निकट की लहर दरअसल यह बहुत लंबी यानी सैकड़ों किलो मीटर चौड़ाई वाली होती है, यानी की लहरों के निचले हिस्से के बीच का फासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है। पर जब यह तट के पास आती है तो लहरों के निचले हिस्से के बीच का फासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है पर जब यह पद के पास आती है तो लहरों का निचला हिस्सा जमीन को छूने लगता है: इनकी गति कम हो जाती है और ऊंचाई बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में जब यह तक से टक्कर मारते हैं तो तबाही होती है,गति 420 किलोमीटर प्रति घंटे तक और ऊंचाई 10 से 18 मीटर तक यानी खारे पानी की चलती दीवारें अक्सर समुद्री भूकंप की वजह से यह तूफ़ान पैदा होता है, प्रशांत महासागर में यह तूफान एक आम बात है और बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर में अरब सागर में नहीं। इसलिए शायद भारतीय भाषाओं में इनके लिए विशिष्ट नाम नहीं है। कारण सुनामी लहरों के पीछे वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा असरदार कहां पर है भूकंप इसके अलावा जमीन धंसने ज्वालामुखी फटने,किसी तरह का विस्फोट होन

Parliament (संसद)

  संसद: लोकसभा संघीय संसद का निम्न अथवा लोकप्रिय साधन है लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या (530+20+2) 552 हो सकती है। वर्तमान में इसकी व्यवहारिक सदस्य संख्या (530+13+2)=545 हैं। 84 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2001 के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभा की सीटों की संख्या में सन 2026 तक कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। निर्वाचको को की योग्यता लोकसभा के चुनाव में उन सभी व्यक्तियों को मतदान का अधिकार होगा जो भारत के नागरिक है, जिनकी आयु 18 वर्ष या अधिक है, जो पागल के दिवालिया नहीं है, और जिन्हें संसद के कानून द्वारा किसी अपराध भ्रष्टाचार या गैरकानूनी व्यवहार के कारण मतदान से वंचित नहीं कर दिया गया है। * सदस्यों की योग्यताए •वह व्यक्ति भारत का नागरिक हूं •उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो। •भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत गया कोई लाभ का पद धारण ना किए हुए हो । •वह किसी न्यायालय द्वारा दिवालिया न ठहराया गया हो तथा पागल  ना हो। वह संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा अयोग्य नहीं ठहराया गया हो। •संसद  के कानून द्वारा निर्धारित अन्य योग्यताएं हो । •कोई भी सदस्य संसद की सदस्यता से वंचित किया जा सकता