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अक्तूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Supreme Court (सर्वोच्च न्यायालय)

  सर्वोच्च न्यायालय:- न्यायाधीशों की संख्या:- एक मुख्य न्यायधीश और 25 अन्य न्यायाधीश। न्यायाधीशों की नियुक्ति:- राष्ट्रपति द्वारा यह नियुक्तियां सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श के आधार पर की जाती है सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने के पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठत्मन्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा न्यायालय से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं । वैवाहिक तौर पर सर्वोच्च न्यायालय का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनता है। न्यायाधीशों की योग्यताएं:- वह भारत का नागरिक हो। मैं किसी उच्च न्यायालय दो या दो से अधिक न्यायालय में लगा था कम से कम पांच वर्ष तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो अथवा किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो। अथवा राष्ट्रपति की दृष्टि में कानून का उच्च कोटि का ज्ञाता हो। कार्यालय तथा महाभियोग:- साधारणत: सर्वोच्च न्यायालय का प्रत्येक न्यायधीश 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर आसीन रह सकता है। इस अवस्था के पूर्व वह स्वयं त

National Emblem of India

  भारत के राष्ट्रीय प्रतीक: - राष्ट्रीय ध्वज :- संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया। ध्वज में समान अनुपात वाले तीन पट्टियां है जो केसरिया, सफेद में हरे रंग की है। ध्वज में सबसे ऊपर गहरा केसरिया रंग होता है, जो जागृति, शौर्य तथा त्याग का प्रतीक है। बीच में सफेद रंग होता है जो सत्य एवं पवित्रता का प्रतीक है। तथा सबसे नीचे गहरा हरा रंग होता है जो जीवन समृद्धि का प्रतीक है। ध्वज के बीच में सफेद रंग वाली पट्टी के बीच में गहरे नीले रंग की 24 तिलिया वाला अशोक चक्र है जो धर्म और ईमानदारी के मार्ग पर चलकर देश को उन्नति की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है। ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 हैं। दूध का प्रयोग और प्रदर्शन एक संहिता द्वारा नियमित होता है।                          राष्ट्रीय गान  रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा रचित 'जन गण मन 'को भारत के राष्ट्रीय गान के रूप में स्वीकार किया गया । जन गण मन अधिनायक जया है। भारत भाग्य विधाता।। पंजाब सिंध गुजरात मराठा। द्रविड़ उत्कल बंगा।। विंध्य हिमाचल यमुना गंगा । उच्छल जलधि तरंगा ।। तब शुभ नामे जागे । तव शुभ आश

Hydrosphere

जलमण्डल   जलमंडल (hydrosphere)से तात्पर्य पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जल राशि से हैं। पृथ्वी की सतह की 71% भाग पर जल उपस्थित है।उत्तरी गोलार्ध में जल मण्डल तथा स्थलमंडल लगभग बराबर है। परंतु दक्षिणी गोलार्ध में जल मण्डल स्थल मंडल से 15 गुना अधिक है। जलमंडल के अधिकतर भाग पर महासागरों का विस्तार है और बाकी भाग पर सागर तथा झीले है। महासागर 4 हैं जिनमें, प्रशांत महासागर सबसे बड़ा है। बाकी तीन प्रकार है (आकार के हिसाब से) आंध्र अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और आर्कटिक महासागर। महासागरों की औसत गहराई 4,000 मीटर है। महासागरीय जलधारा को निम्न भागों में विभक्त किया जा सकता है। महाद्वीपीय मग्नतट (continental shelf) यह महासागर तट से समुद्री सतह की और अल्प ढाल वाला जलमग्न धरातल होता है। सामान्यत: यह 100 फैदम(fathom) की गहराई तक होती है।(1 fathom =1.8metre) जिन पदों पर पर्वत समुंद्री तट के सात फेरे रहते हैं वहां मग्नतट संकरा होता है। विश्व में तेल में गैस का कुल 20% भाग यहां पाया जाता है। मगन तट समुद्री जीव जंतुओं के समुंदत्म स्थल है मछली और समुद्री खाद्य प्रदान करने में इनकी अति महत्वपूर्ण भूमिका है।

भारत में सामाजिक व धार्मिक सुधार आंदोलन

  भारत में सामाजिक व धार्मिक सुधार आंदोलन:- 1.ब्रह्म समाज:- ब्रह्म समाज की स्थापना राजा राम मोहन राय द्वारा 20 अगस्त 1828 ई० को कोलकत्ता मैं की गई जिसका उद्देश्य तत्कालीन हिंदू समाज में व्यापक बुराइयों जैसे सती प्रथा ,बहू विवाह, वेशयागमन, जातिवाद, अस्पृश्यता आदि को समाप्त करना था। राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का मसीहा माना जाता है। राजा राममोहन राय की कुछ प्रमुख कृतियों में"प्रिसेप्ट्स ऑफ जिस्स"प्रमुख है । इन्होंने संवाद कोमोदी का भी संपादन किया। राजा राममोहन राय ने 1814 ईसवी में आत्मीय सभा की स्थापना की, 1815 ईसवी में इन्होंने वेदांत कॉलेज की स्थापना की। इन्होंने सती प्रथा के विरुद्ध आंदोलन चलाया तथा पाश्चात्य शिक्षा के प्रति अपना समर्थन जताया। कालांतर में देवेंद्रनाथ टैगोर (1818 ई ० -1905 ई ०) नए ब्रह्म समाज को आगे बढ़ाया। इनके द्वारा ही केशवचंद्र सेन को ब्रह्म समाज का आचार्य नियुक्त किया गया। 2.आर्य समाज:- आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 ई ० मैं मुंबई में की गई, देश का प्रमुख उद्देश्य वैदिक धर्म को पुन: शुद्ध रूप से स्थापित करने का प्रयास भा

राष्ट्रीय संघ के विशिष्ट अभिकरण

संयुक्त राष्ट्र संघ के विशिष्ट अभिकरण   1, संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान तथा संस्कृति संगठन (UNESCO) यूनेस्को की स्थापना नवंबर 1946 में हुई थी। और इसका मुख्यालय पेरिस (france) मैं है। यह संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक गतिविधियों की सर्व प्रमुख संस्था है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के प्रसार तथा राष्ट्रीय के बीच बौद्धिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से मानव सभ्यता एवं संस्कृति के विकास में योगदान देना है। 2, अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (world bank) इसकी स्थापना 1944 ई ० मैं ब्रिटेन बूट्स कॉन्फ्रेंस के साथ की गई, जो विश्व के धनी एवं निर्धन देशों का प्रथम सम्मेलन था इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी०सी० में है। जिसे हम विश्व बैंक कहते हैं वह वस्तुत: 4 संस्थाओं का समूह, यह है:- 1945 में स्थापित'अंतर राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक' 1956 में  स्थापित 'अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम' 1916 में स्थापित'अंतरराष्ट्रीय विकास संघ' 1988 में स्थापित'मल्टीलेटरल निवेश गारंटी एजेंसी' विश्व बैंक का प्रधान उद्देश्य पूंजी निवेश योजना की

Earthquake (भूकंप)

भूकंप:- भूकंप का शाब्दिक अर्थ होता है भूमि या धरातल का कांपना या हिलना। भूकंप एक आकस्मिक अंतार्जात प्रक्रिया है जो कई प्रकार की भूगर्भिक क्रियाओं का परिणाम है जिसके कारण धरातल पर संतुलन की स्थिति में अव्यवस्था उत्पन्न हो जाती है। फलत: भूमि कांप जाती है। भूपटल के नीचे जिस स्थान पर भूकंप उत्पन्न होता है। भूपटल के नीचे जिस स्थान पर भूकंप उत्पन्न होता है वह उद्गम स्थल (seismic focus) कहलाता है। भूकंप उद्गम स्थल के ठीक ऊपर धरातल पर स्थित बिंदु भूकंप का अधिकेंद्र (epicenter) कहलाता है। भूकंप तरंगों का अनुभव में यहां सबसे पहले किया जाता है। भूकंप के दौरान भूकंप  तरंगों (waves) का उद्भव होता है, जिन्हें भूकंपमापी (seismograph) पर रिकॉर्ड किया जाता है। भूकंप तरंगों की तीव्रता को रिएक्टर पैमाने (richter scale) से मापा जाता है। भूकंप तरंगे तीन प्रकार की होती है:- 1. प्राथमिक तरंगे (primary waves) इन्हें P waves भी कहा जाता है एवं यह सबसे तीव्र गति वाली तरंगें हैं। इनमें धोनी तरंगों की भांति और वो का कंपन तरंगों की दिशा में आगे पीछे होता है। अत: अनुदैर्ध्य तरंगें (longitudinal waves) भी कहलाती है।

Indian baking

भारतीय बैंकिंग:- बैंक ऑफ हिंदुस्तान (1770 ई ०) यूरोपियन प्रबंधन में भारत का पहला बैंक था। भारत का पहला भारतीय बैंक अवध कमर्शियल बैंक था जिसकी स्थापना वर्ष 1881 में की गई थी। उसके बाद वर्ष 8394 में पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना हुई जो पहला पूर्ण रूप से भारतीय बैंक था। भारतीय रिजर्व बैंक:- भारत का केंद्रीय बैंक। 1 अप्रैल 1935 को ₹5 करोड़ की अधिकृत पूंजी के साथ स्थापना। 1 जनवरी 1949 को रिजर्व बैंक (RBI)का राष्ट्रीयकरण। स्थापना के उद्देश्य:- रुपए के बारे और आंतरिक मूल्यों मे स्थिरता लाना, साख एवं मुद्रा नीतियों का समन्वय, व्यापारिक अधिक ओशो के नगद कोशो का केंद्रीकरण, व्यापारिक बैंकों का उचित विकास कृषि साख व्यवस्था मुद्रा बाजार का संगठन एवं विकास, विदेशों से मौद्रिक संपर्क, समको का प्रकाशन सहकारी बैंकों की स्थापना एवं विकास रिजर्व बैंक का मुख्यालय मुंबई में है केंद्रीय बोर्ड के अतिरिक्त आरबीआई के चार स्थानीय बोर्ड भी है जिनके मुख्यालय मुंबई, कोलकाता, चेन्नई तथा नई दिल्ली में। वर्तमान समय में आरबीआई करेंसी नोट जारी करने के लिए न्यूनतम निधि पद्धति (minimum reserve system) अपनाता है। इस पद्धति

1857 की क्रांति

1857 की क्रांति:-   क्रांति के कारण:- लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़प नीति और लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि ने  इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजनीतिक कारणों के साथ ही प्रशासनिक कारण भी क्रांति के लिए उत्तरदायी थे, कोई भी भारतीय उच्च पद तक नहीं पहुंच सकता है। ईसाई धर्म के प्रचार ने भी भारतीयों के असंतोष को उभारा। अंग्रेजों द्वारा भारत का आर्थिक शोषण भी प्रमुख कारण था। सैनिक कारणों में ऐसे अनेक बिंदुओं विद्ममान थे जो विद्रोह की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे। पदोन्नति से वंचित रखना, भारत की सीमा में बाहर युद्ध के लिए भेजा जाना, समुंदर पार का बताना देना आदि ऐसे अनेक कारण थे। चर्बी लगे कार्टूनों के प्रयोग को क्रांति का तत्कालीन कारण माना जाता है। असफलता के कारण:- असफलता का प्रमुख कारण संगठन तथा एकता की कमी थी। ग्वालियर के सिंधिया, इंदौर के होल्कर,हैदराबाद के निजाम आदि राजाओं ने अंग्रेजों का खुलकर साथ दिया। क्रांति का प्रभाव इसका प्रभाव यह हुआ कि कंपनी का शासन समाप्त करके ब्रिटिश सरकार नेइसे अपने हाथ में ले लिया। इसके लिए भारत शासन अधिनियम 1858 पारित हुआ। फौज का इस तरह पुनर्गठन किया गया कि आगे ऐसी घ

भारत में प्रतिभूती-मुद्रण एवं सिक्कों का उत्पादन

  भारत में प्रतिभूती-मुद्रण एवं सिक्कों का उत्पादन:- भारत में प्रतिभूति मुद्रण एवं सिक्कों का उत्पादन निम्नलिखित स्थानों पर किया जाता है। *छापेखाने (printing press) 1.इंडिया सिक्योरिटी प्रेस, नासिक (महाराष्ट्र) नासिक रोड स्थित भारत प्रतिभूति (India security press) मैं दांत संबंधी लेखन सामग्री, डाक एवं डाक भिन्न टिकटो, अदालती एवं गैर अदालती स्टांपो, बैंको(RBI तथा SBI) के चेको, राष्ट्रीय बचत पत्र आदि के अलावा राज्य सरकारों, सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों, वित्तीय निगमो, आदि के प्रतिभूति पत्रों की छपाई की जाती है। 2. सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस, हैदराबाद सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस हैदराबाद की स्थापना दक्षिण राज्यों की डाक लेखन सामग्री की मांगों को पूरी करने के लिए वर्ष 1982 में की गई थी। ताकि भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक रोड के उत्पादन की अनूपूर्ति की जा सके। 3. करेंसी नोट प्रेस, नासिक (महाराष्ट्र) नासिक रोड स्थित करेंसी नोट प्रेस 10,50,100,500 तथा 1000 रुपए के बैंक नोट छापते हैं और उनकी पूर्ति करते हैं। 4. बैंक नोट प्रेस, देवास (मध्य प्रदेश) 100 वास स्थित बैंक नोट प्रेस 20,50,100 और 500 रु

Climate states of India(भारत के जलवायु प्रदेश)

भारत के जलवायु प्रदेश:-   अनेक विद्वानों ने भारत को जलवायु प्रदेश में विभाजित करने का प्रयास किया है। इन प्रयासों में ट्रेवर्था ( trevartha) जलवायु प्रदेशिकरण काफी प्रचलित है।इसी वर्गीकरण के आधार पर भारत को निम्नलिखित जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया जा सकता है। 1. उष्णकटिबंधीय वर्षावन जलवायु:- देश के उत्तरी पूर्वी भाग तथा पश्चिमी तटीय मैदान इस प्रदेश के अंतर्गत आते हैं। किन क्षेत्रों में वार्षिक वर्षा 200 सेंटीमीटर (क्षेत्रों में 800 सेमी) से अधिक होती है तथा तापमान वर्षभर 18.2° से ० से अधिक रहता है । इस उष्ण जलवायु प्रदेश के कुछ भागों में तापमान वर्षभर29°C तप पाया जाता है। देश का सर्वाधिक वर्षा का स्थान मोसिनराम  जो चीरापूंजी में है।इसी प्रदेश में स्थित है इन क्षेत्रों में ऊंचे तापमान तथा ऊंची आद्रता वनस्पति की वृद्धि के लिए अनुकूल है। इन चित्रों की प्राकृतिक वनस्पति सघन वर्षावन है तथा यह वन सदाहरित होते हैं। 2. उष्णकटिबंधीय सवाना जलवायु:- सहयाद्री के वर्षीय छाया में मैं आने वाले अर्ध शुष्क जलवायु के क्षेत्र को छोड़कर लगभग पूरे प्रायद्वीपीय पठार में इस प्रकार की जलवायु पाई जाती है। इ

Alexander's Invasion

  सिकंदर का आक्रमण:- इस समय उत्तरी भारत में मगध के साम्राज्य का उत्कर्ष हो रहा था,भारत का संपूर्ण क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था। यह राज्य सदैव एक दूसरे से संघर्षपत रहते थे। इस राजनीतिक कमजोरी का फायदा सिकंदर (मकदूनिया का शासक फिलिप का पुत्र) ने उठाया तथा 326 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण किया। सिकंदर द्वारा भारत पर आक्रमण करने के कारणों में विश्व विजेता बनने की अभिलाषा, धन प्राप्त करने की इच्छा, नए प्रदेशों की जानकारी की इच्छा,तथा कुछ भारतीय शासकों के सहयोग का आश्वासन प्रमुख थे। पंजाब के राजा पोरस ने सिकंदर के साथ झेलम नदी के किनारे वितस्ता का युद्ध लडा परंतु हार गया। व्यास नदी पर पहुंचकर सिकंदर के सिपाहियों ने आगे बढ़ने से इंकार कर दिया।इनकार करने के प्रमुख कारणों में सैनिकों द्वारा लगातार युद्ध में उत्पन्न हताशा की विशाल सेना, सीमांत प्रदेश की कष्टदायक जलवायु घर लौटने की व्यग्रता आदि थे।  नवंबर 326 ई पूर्व में झेलम नदी के मार्ग से सिकंदर की वापसी यात्रा आरंभ हुई। वह भारत भूमि छोड़कर बेबीलॉन चला गया। जहां 323 ईसा पूर्व में उनकी मृत्यु हो गई। सिकंदर के आक्रमण के प्रभाव:- भारत